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Morning Anxiety: सुबह की घबराहट को न समझें मामूली, यह बन सकती है डिप्रेशन की शुरुआत

Morning Anxiety: सुबह उठते ही घबराहट या बेचैनी महसूस होना कई बार आम लग सकता है, लेकिन जब यह रोज़ होने लगे तो यह चिंता का कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति “मॉर्निंग एंग्जायटी” कहलाती है और यह डिप्रेशन की पहली चेतावनी हो सकती है।

भारतJul 19, 2025 / 12:52 pm

MEGHA ROY

Why do I feel anxious in the morning फोटो सोर्स – Freepik

Why do I feel anxious in the morning
फोटो सोर्स – Freepik

Morning Anxiety: सब लोग अपनी सुबह शांत व पॉजिटिव चाहते हैं, पर अगर सुबह उठते ही घबराहट, बेचैनी या नकारात्मक विचारों का अनुभव करना पड़े तो अच्छा नहीं लगता। कभी-कभी यह आम बात हो सकती है। लेकिन यदि यह स्थिति नियमित रूप से बनी रहती है, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यह “मॉर्निंग एंग्जायटी” या “सुबह की घबराहट” के रूप में जानी जाती है और यह डिप्रेशन की शुरुआती चेतावनी हो सकती है। समय से पहले जानिए इसके कारण, सिंप्टम्स और इसके उपाय।

क्या है सुबह की घबराहट?

सुबह उठते ही बिना किसी स्पष्ट कारण के घबराहट, तनाव, चिड़चिड़ापन या नकारात्मक विचारों का अनुभव करना मॉर्निंग एंग्जायटी कहलाता है। दिल की धड़कन तेज होना, उलझन और सांस लेने में कठिनाई, नकारात्मक विचारों का आना, थकान और एनर्जी की कमी यह सब कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) के उच्च स्तर, नींद की कमी, तनाव और खराब दिनचर्या के कारण हो सकता है। इन सब का बार-बार होना एक सीधा संकेत डिप्रेशन की ओर देता है। अगर समय रहते नहीं पहचाना गया तो ये पैनिक अटैक और एक्सट्रीम स्ट्रेस को बढ़ावा दे सकता है।

मॉर्निंग एंग्जायटी के कारण

कहने को तो मॉर्निंग एंग्जायटी के काफी कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा कॉमन कारण तनाव, हार्मोनल असंतुलन, नींद की समस्याएं, चिंता आदि हो सकते हैं। काम, रिश्ते या वित्तीय समस्याओं जैसे तनाव के कारण सुबह उठते ही चिंता महसूस हो सकती है। साथ ही साथ अनियमित नींद या नींद की कमी होने से भी मॉर्निंग एंग्जायटी हो सकती है। कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भी सुबह घबराहट हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि कुछ लोगों को ओवरथिंकिंग के कारण भी सुबह-सुबह अधिक चिंता का अनुभव हो सकता है।

डिप्रेशन के सिंप्टम्स

अगर सुबह की घबराहट के साथ लगातार उदासी या निराशा का अनुभव, भूख में बदलाव, खुद को दोषी मानना या किसी काम के लिए पछतावा होना, या यूजलेस फील करना, आत्महत्या के विचार आदि लक्षण भी दिखाई दें, तो यह डिप्रेशन की शुरुआत हो सकती है। और इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें। वह इस समस्या के बारे में सुनेंगे, शारीरिक टेस्ट करवाएंगे और मनोविशेषज्ञ (Therapist/Psychiatrist) के पास रेफर करेंगे। इससे आपकी थैरेपी जल्द से जल्द शुरू हो जाएगी।

सुबह की घबराहट से खुद कैसे संभालें?

अच्छी नींद को प्राथमिकता दें


अगर आप चाहते हैं कि सुबह शांत और बिना तनाव के शुरू हो, तो हर दिन एक तय समय पर सोने और उठने की आदत बनाएं। सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूर रहें, कोई हल्की किताब पढ़ें या धीमा म्यूजिक सुनें, जिससे नींद गहरी और सुकूनभरी हो।

गहरी सांस लेने की आदत डालें


सुबह उठते ही कुछ मिनट शांत बैठकर गहरी सांस लें। आप “4–4–6” तकनीक आज़मा सकते हैं – 4 सेकंड तक सांस लें, 4 सेकंड तक रोके रखें और फिर 6 सेकंड में धीरे-धीरे छोड़ें। इससे मन शांत होता है और चिंता कम होती है।

हल्की एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग करें


सुबह के समय 5 से 10 मिनट की हल्की स्ट्रेचिंग, वॉक या योग करने से शरीर और दिमाग दोनों एक्टिव होते हैं और मूड भी बेहतर होता है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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