Blood Clots : समझें ब्लड क्लॉट को
जब हमारा खून तरल से गाढ़ा होकर जमने लगता है तो उसे खून का थक्का (ब्लड क्लॉट) कहते हैं। ये ज्यादातर पैरों की गहरी नसों (DVT) में बनते हैं। अगर ये थक्के टूटकर फेफड़ों तक पहुंच जाएं तो ये ‘पल्मोनरी एम्बोलिज्म’ (PE) बन जाते हैं जो खतरनाक है क्योंकि ये फेफड़ों तक खून और ऑक्सीजन पहुंचने से रोकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि DVT वाले करीब एक-तिहाई मरीजों को PE होता है और कई बार ये जानलेवा भी हो सकता है।
ब्लड क्लॉट के 10 बड़े कारण (Causes of Blood Clots)
लंबे समय तक बैठना: अगर आप घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं चाहे ऑफिस में या यात्रा में तो सावधान रहें। हर 30-40 मिनट में उठकर चलना-फिरना जरूरी है। गर्भावस्था: प्रेग्नेंसी में शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने से खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। डिलीवरी के बाद भी 6 हफ्ते तक यह जोखिम बना रहता है। इसलिए इस दौरान सक्रिय रहना बहुत जरूरी है।
मोटापा और ऊंचाई: ज्यादा वजन और मोटापा ब्लड क्लॉट का बड़ा कारण है क्योंकि इससे रक्त संचार धीमा होता है। हैरान न हों पर ज्यादा ऊंचाई भी एक कारण है। 5’6″ से लंबी महिलाएं और 6′ से ऊंचे पुरुषों को इसका खतरा ज्यादा होता है।
अनियमित दिल की धड़कन: अगर आपकी धड़कन अनियमित (एट्रियल फिब्रिलेशन) है तो खून दिल के ऊपरी चैंबर में जमा हो सकता है जिससे थक्के बन सकते हैं जो स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां: कुछ गर्भनिरोधक गोलियों में मौजूद हार्मोन भी खून के थक्के बनाने वाले तत्वों को बढ़ा सकते हैं। कैंसर: कुछ तरह के कैंसर खून में ऐसे पदार्थ बढ़ा देते हैं जो थक्के बनाते हैं। कीमोथेरेपी भी इसका जोखिम बढ़ा सकती है।
धूम्रपान: सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे ब्लड क्लॉट का खतरा बढ़ जाता है। सर्जरी या चोट: बड़ी सर्जरी खासकर कूल्हे या पैर की या गंभीर चोटें भी थक्के बनने का कारण बन सकती हैं क्योंकि इससे आप कुछ समय के लिए हिल-डुल नहीं पाते।
पारिवारिक इतिहास: कुछ लोगों को आनुवंशिक रूप से ब्लड क्लॉट की समस्या विरासत में मिलती है। बढ़ती उम्र: 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ब्लड क्लॉट का खतरा काफी बढ़ जाता है।
बचाव ही उपाय है (How to Prevent Blood Clots Naturally)
खून के थक्के एक गंभीर समस्या है। इन जोखिम कारकों को पहचानें और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। नियमित व्यायाम करें, स्वस्थ खाएं, और अगर आपको कोई लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। आपकी जागरूकता ही आपको सुरक्षित रख सकती है। डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।