साल 2018 में जुलाई में 401 मि.मी बारिश दर्ज की गई थी, जो अब टूट चुका है। इस बार सिर्फ जुलाई महीने में ही 455 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 250 फीसदी अधिक है।
ये है भारी बारिश का कारण
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना डिप्रेशन अब पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। साथ ही मानसून ट्रफ इसी इलाके से होते हुए गुजर रही है। साथ ही साथ पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। यही वजह है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में भारी बारिश का दौर चल रहा है।
अबतक 80 मि.मी बारिश
क्षेत्र के कई इलाकों में गुरुवार रात से बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार पूरे दिन रुक-रुककर बारिश जारी रही। शनिवार सुबह से भी अधिकतम इलाकों में रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी है जिसके चलते अंचल में 80 मि.मी (3 इंच) बारिश दर्ज की जा चुकी है। कई इलाकों में जलभराव से जनजीवन प्रभावित हो रहा है, जबकि, कई मार्ग जलमग्न होने के चलते आवागमन प्रभावित हैं।
तिघरा डैम के गेट खोले गए, गांवों में अलर्ट
बारिश के चलते तिघरा डैम में जलस्तर बढ़कर 738.20 फीट तक पहुंच गया। शुक्रवार दोपहर 1 बजे डैम के गेट खोल दिए गए। इस दौरान कलेक्टर रुचिका चौहान और जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार मौजूद रहे। गेट खोलने से पहले सायरन बजाया गया और नदी किनारे स्थित महीदपुर गांव के निवासियों को सतर्क किया गया। साथ ही पुल पर बहते पानी के कारण ट्रैफिक रोका गया और प्रकाश, सूचनात्मक बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए गए।
रेड अलर्ट जारी
आगामी 24 घंटे में ग्वालियर, दतिया, मुरैना, भिंड और श्योपुर में भारी बारिश की आशंका मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। लगातार बारिश के कारण अचानक बाढ़ की स्थिति बन सकती है। बाढ़ के हालात की चेतावनी