– हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप के शपथ पत्र को नोटरी करने वाले शपथ आयुक्त कार्रवाई क आदेश
दरअसल हाईकोर्ट ने नोटरी राघवेंद्र शर्मा से पूछा था कि किस कानूनी अधिकार के तहत लिव इन रिलेशनशिप के शपथ पत्र को नोटरीकृत किया। राघवेंद्र शर्मा ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विवाह व तलाक के दस्तावेज लिव इन रिलेशनशिप से भिन्न होते हैं। इसलिए शपथ पत्र को वैध मानते हुए नोटरीकृत किया। बिना शर्त माफी चाहते हैं। कोर्ट ने राघवेंद्र शर्मा के माफीनामे को स्वीकार नहीं किया। इसे मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव को मामला भेज दिया।
क्या है मामला
दरअसल ललित रजक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। उसने तर्क दिया कि कॉपर्स (युवती) उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी। उसको चार महीने का बच्चा भी है, लेकिन अपर कलेक्टर के आदेश पर कॉपर्स को सुधार गृह भेज दिया। उसे वहां से मुक्त नहीं किया जा रहा है। लिव इन रिलेशनशिप का शपथ पत्र मुरैना के सबलगढ़ में नोटरी करने वाले राघवेंद्र शर्मा ने सत्यापित किया है। हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप का शपथ पत्र देने के मामले को संज्ञान में लिया। याचिका खारिज कर दी। राघवेंद्र शर्मा से नोटिस जारी कर जवाब मांगा।