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ग्वालियर

रक्षाबंधन पर भाइयों को मिलेगी समय से डाक, डाकघरों में होने जा रहा है ये बदलाव

– आईटी 2.0 एप्लीकेशन का रोलऑउट, एपीटी एप्लीकेशन से होगा डिजिटली परिवर्तन – ग्वालियर-चंबल संभाग समेत प्रदेश के 9 हजार से अधिक डाकघरों में 22 जुलाई से होने जा रहा लागू – अब रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट के लिए भी ग्राहकों के पास आएगा ओटीपी – नए सॉफ्टवेयर की अपलोडिंग के चलते 21 जुलाई को डाकघरों […]

ग्वालियरJul 19, 2025 / 08:22 pm

प्रवेंद्र तोमर

– आईटी 2.0 एप्लीकेशन का रोलऑउट, एपीटी एप्लीकेशन से होगा डिजिटली परिवर्तन

– ग्वालियर-चंबल संभाग समेत प्रदेश के 9 हजार से अधिक डाकघरों में 22 जुलाई से होने जा रहा लागू

– अब रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट के लिए भी ग्राहकों के पास आएगा ओटीपी
– नए सॉफ्टवेयर की अपलोडिंग के चलते 21 जुलाई को डाकघरों में नहीं होगा कोई सार्वजनिक लेनदेन

ग्वालियर. इस साल भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन 9 अगस्त को पडऩे जा रहा है। रक्षाबंधन से पूर्व डाक विभाग ग्वालियर-चंबल संभाग के 312 डाकघरों सहित मध्यप्रदेश के 9 हजार से अधिक डाकघरों में आईटी 2.0 एप्लीकेशन का रोलऑउट करने रहा है। 22 जुलाई मंगलवार से एक साथ पूरे मध्यप्रदेश में नया एपीटी एप्लीकेशन अपलोड करने डिजिटली परिवर्तन किया जाएगा। इससे बहनों की राखियां भाईयों को समय से मिलने के साथ दूसरे और कई नए बदलाव हो जाएंगे। इस नए सॉफ्टवेयर की लॉचिंग से पहले 21 जुलाई सोमवार को डाउन टाइम डे रखा गया है, यानी इस दिन डाकघरों में कोई सार्वजनिक लेन-देन नहीं किया जाएगा। ग्वालियर डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक एके सिंह ने बताया कि अभी तक सेप वर्जन पर डाकघरों में काम किया जा रहा था, 22 जुलाई से आईटी 2.0 एप्लीकेशन पर काम होने लगेगा। इसकी खासियत यह है कि ये डाक विभाग का खुद का सॉफ्टवेयर होगा।
सर्वर की परेशानी से मिलेगी निजात

डाक विभाग में एपीटी एप्लीकेशन की उन्नत तकनीक की शुरुआत के बाद डाकघरों में आने वाली सर्वर की परेशानी से आमजन को निजात मिलेगी। इसके साथ ही रजिस्ट्री-स्पीड पोस्ट के लिए भी ग्राहकों के पास ओटीपी आने, डिलीवरी क्वालिटी में गुणवत्ता, तीव्र सेवा वितरण के साथ कर्मचारी फ्रेंडली भी होगा। इससे पूर्व ये तकनीक कर्नाटक में शुरु की जा चुकी है।
इसलिए आज भी डाक विभाग पर विश्वास कायम

ग्वालियर के साथ-साथ प्रदेशवासियों में आज भी डाकघर के प्रति विश्वास कायम है। इसकी वजह एक वर्ष के भीतर बचत योजनाओं में 1.40 करोड़ से अधिक खाते खोले जाना है। इससे पूर्व इनकी संख्या 1.36 करोड़ थी। एक साल में ही बचत योजनाओं में डाक घरों में 3.85 लाख खातों की बढ़ोतरी हुई थी। इसके साथ ही निजी कूरियर कंपनियों के आने ेके बाद भी डाक घर से ही अपनी डाक भेजने में लोग विश्वास करते हैं।

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