ये परीक्षण रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करने वाले रक्षा मनोवैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान (DIPR) द्वारा तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य सेना में आने वाले जवानों की तनाव से निपटने की क्षमता का मूल्यांकन करना है, जिससे भविष्य में तनावजनित घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
15 मिनट में होगा ऑनलाइन मनोवैज्ञानिक परीक्षण
इस परीक्षण के लिए 15 मिनट का एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर टेस्ट तैयार किया गया है। टेस्ट के ट्रायल पिछले वर्ष किए गए थे, लेकिन तकनीकी सुधार के बाद अब इसे अगस्त 2025 से लागू किया जा रहा है। ये प्रक्रिया
मध्य प्रदेश के अंतर्गत आने वाले
ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड के जिलों में आयोजित होने वाली अग्निवीर भर्ती से शुरू की जाएगी।
कैसे होगा टेस्ट?
भर्ती की प्रक्रिया के पहले चरण में जैसे ही उम्मीदवार 1600 मीटर की दौड़ पास करेंगे, उन्हें तुरंत एक लिंक मोबाइल पर भेजी जाएगी, जिससे वे 15 मिनट का मनोवैज्ञानिक टेस्ट दे सकें। इसमें असफल होने वाले उम्मीदवारों को अगले चरण के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
अबतक सिर्फ अधिकारियों को देना होता था ऐसा टेस्ट
सेना अधिकारियों के अनुसार, अब तक मनोवैज्ञानिक परीक्षण सिर्फ अफसरों (NDA, CDS, JCO आदि) के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया का हिस्सा होता था। लेकिन, ये पहली बार जवान बनने वाले अग्निवीरों को भी ये ट्स्ट पास करना होगा। हालांकि अग्निवीरों के लिए ये टेस्ट अधिकारियों से अलग फॉर्मेट में तैयार किया गया है।
क्यों जरूरी किया गया ये टेस्ट ?
ग्वालियर सेना भर्ती कार्यालय के निदेशक कर्नल पंकज कुमार ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि, अग्निवीर बनने के लिए अब सिर्फ शारीरिक तौर पर ही सक्षम होना काफी नहीं, मानसिक मजबूती भी उतनी ही जरूरी है। ये पहली बार है कि, अग्निवीरों को मानसिक परीक्षण भी उत्तीर्ण करना होगा। इससे ये सुनिश्चित हो सकेगा कि, सेना में तनाव जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रतिभागी मानसिक रूप से तैयार है भी या नहीं।