यह स्थिति है बमौरी विधानसभा के ग्राम पंचायत धानवाड़ी के आदिवासी बाहुल्य गांव म्यापुर का। वैसे यह स्थिति इसी गांव की नहीं बल्कि गुना, बमौरी, आरोन और राघौगढ़ के एक दर्जन से अधिक गांवों की है, जहां अलग-अलग कारणों से बिजली नहीं दी जा रही है। (mp news)
चुनाव के समय मंत्रीजी ने लगवाया था डीपी, फिर उखाड़कर ले गए
बमौरी विधानसभा के ग्राम पंचायत धानवाड़ी के गांव म्यापुर जिसमें तीस से अधिक मकान बने हुए हैं, उसमें डेढ़ सौ से अधिक लोग निवास करते हैं। इस गांव में रहने वाले गजेन्द्र, घनसिंह भिलाला, जग्गा गोरधन, राकेश भिलाला, श्याम, कुसुमाबाई, लक्ष्मीबाई जैसे लोगों ने पत्रिका को बताया कि चुनाव के समय उनके गांव में पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया की और से बिजली दिलाने का वादा पूरा करने के लिए यहां विद्युत खंबे लगवाए गए, लाइन खिंचवाई और इस गांव को बिजली मिलना शुरु हो गई। बिजली देने के नाम पर प्रतिमाह हर घर से सौ रुपए से लेकर पांच सौ रुपए लेता रहा। छह-आठ माह से पहले बिजली की कई-कई दिन तक कटौती की जाती रही। यहां से भाजपा के हार जाने के बाद दो माह पूर्व बिजली कंपनी के जेके वर्मा नाम के अधिकारी यहां लगी डीपी को यह कहकर निकलवाकर ले गए कि यह डीपी सेंशन नहीं हैं। अब दो माह से वे बगैर बिजली के रह रहे हैं।
मूलभूत सुविधाएं तक नहीं
इस गांव के लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत धानवाड़ी के तहत गणेशखेड़ा, धानवाड़ी ओर म्यापुर गांव भी आते हैं। यहां सरपंच शांतिबाई है, लेकिन इस ग्राम पंचायत को कोई रघुवंशी चला रहे हैं। यहां गौशाला में एक भी गाय नहीं है उसके नाम पर पैसा निकाला जा रहा है। पुलिया का निर्माण नहीं हुआ और उसका भी पैसा हड़प लिया। इस ग्राम पंचायत में काम के नाम पर फर्जीवाड़ा जमकर चल रहा है, जांच हो जाए तो कई गड़बड़ झाला उजागर हो सकता है।
सांप-बिच्छू निकलना हो गया आम
बारिश के समय रात में बिजली न होने से यह स्थिति है कि सांप-बिच्छू हर घर में निकलना आम बात हो गई है। कहीं सांप न निकल आए, इसके लिए हम लोगों को एक-एक करके पूरी रात अलग-अलग जगार करके परिजनों की सुरक्षा करना पड़ रही है। दो-तीन बार सांप के निकल आने से हमें अपने घर से बाहर आ जाना पड़ा था। बिजली न होने को लेकर हम लोग वर्तमान विधायक ऋषि अग्रवाल और पूर्व विधायक महेंद्र सिंह सिसौदिया को भी बता चुके हैं। इस संबंध में एक विद्युत अधिकारी ने कहा कि डीपी सेंशन नहीं हैं तो कैसे वहां के लोगों को बिजली दी जा सकती है। डीपी वहां किसके आदेश पर रखी गई, इसकी हम जांच करवा रहे हैं।