पिटाई का वीडियो हुआ था वायरस
उत्तर प्रदेश के इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र अंतर्गत दादरपुर गांव में 22 जून को कथावाचकों की पिटाई का मामला सामने आया था। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस में मुकदमा दर्ज कर पिटाई करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इधर मुख्य यजमान रेनू तिवारी ने थाना में तहरीर देकर 24 जून को कथावाचकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
कथावाचकों पर दर्ज हुआ मुकदमा
अपनी तहरीर में रेनू तिवारी ने बताया था कि कथावाचक मुकुट सिंह यादव और संत सिंह अपनी जाति छुपा कर कथा कहने के लिए आए थे। उनके पास दो नामों के अलग-अलग आधार कार्ड भी थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद मुकुट सिंह यादव और संत सिंह अंडरग्राउंड हो गए। लेकिन उन्होंने अदालत में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया। बीते 16 जुलाई को अदालत में कथावाचक की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
कथावाचकों की मुसीबतें बढ़ी
इधर झांसी जिले के पुंछ थाना प्रभारी जेपी पाल कथावाचकों को पूछताछ के लिए लगातार तलाश कर रहे हैं। लेकिन दोनों विवेचना अधिकारी की पकड़ से बाहर है। उन्होंने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की। जिसे अदालत में स्वीकार कर लिया और कथावाचकों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिया। इसके बाद कथावाचकों की मुसीबतें और बढ़ने वाली है।
दादरपुर गांव की घटना
इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र अंतर्गत दादरपुर गांव में 21 से 27 जून के बीच भागवत कथा आयोजित की गई थी। जिसका वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें कथावाचकों की पिटाई और उनके बाल काटने का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने कथावाचकों की तहरीर से मुकदमा दर्ज करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
अखिलेश यादव ने कार्यालय में किया सम्मानित
अखिलेश यादव ने दोनों कथा वाचकों को अपने कार्यालय बुलाकर सम्मानित किया और उन्हें हारमोनियम भी गिफ्ट किया। इस मौके पर अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला था। इसके बाद मामला तूल पकड़ा था। अब कथावाचकों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।