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क्या है STEM एजुकेशन सिस्टम, नई शिक्षा निति में सीबीएसई को क्यों पड़ी इसकी जरुरत? जानें डिटेल्स

CBSE ने हाल ही में यह घोषणा की है कि वह कक्षा 11 और 12 में भी दो स्तरों पर STEM विषयों को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। जैसे अभी कक्षा 10 में गणित के लिए दो स्तर (बेसिक और स्टैंडर्ड) दिए जाते हैं, वैसे…

भारतJul 20, 2025 / 04:25 pm

Anurag Animesh

What Is STEM

What Is STEM(AI Generated Image-Gemini)

What Is STEM: भारत की शिक्षा प्रणाली में बीते कुछ वर्षों से बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। खासकर नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के लागू होने के बाद शिक्षा के ढांचे में modernity, professionalism और practicality को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी क्रम में CBSE ने अब STEM एजुकेशन सिस्टम को और व्यापक रूप में अपनाने की योजना बनाई है। आइए विस्तार से समझते हैं कि STEM एजुकेशन क्या है, और CBSE को इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई।

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क्या है STEM एजुकेशन?


STEM एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाने वाला शैक्षणिक मॉडल है, जिसका फुल फॉर्म है:

S – Science (विज्ञान)

T – Technology (प्रौद्योगिकी)

E – Engineering (इंजीनियरिंग)
M – Mathematics (गणित)

इस एजुकेशन सिस्टम का उद्देश्य छात्रों को सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान देने के बजाय उन्हें अनुभव आधारित और व्यावहारिक शिक्षा देना है। STEM शिक्षा के अंतर्गत छात्रों को प्रोजेक्ट आधारित, समस्याओं के समाधान पर आधारित और इनोवेशन से प्रेरित शिक्षण तरीकों से पढ़ाया जाता है। इसका फोकस रट्टा प्रणाली से हटकर क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स विकसित करने पर होता है।

CBSE को STEM मॉडल की जरुरत क्यों पड़ी?


CBSE ने हाल ही में यह घोषणा की है कि वह कक्षा 11 और 12 में भी दो स्तरों पर STEM विषयों को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। जैसे अभी कक्षा 10 में गणित के लिए दो स्तर (बेसिक और स्टैंडर्ड) दिए जाते हैं, वैसे ही विज्ञान और गणित जैसे विषयों को आसान और बढ़िया स्तर पर पढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

STEM: इसके पीछे कई कारण हैं

नई शिक्षा नीति का दृष्टिकोण: NEP 2020 के अनुसार शिक्षा को आसान और बहुआयामी बनाना जरूरी है, जिसमें छात्र अपनी रुचि और क्षमताओं के अनुसार विषय चुन सकें।
करियर की तैयारी: आज के डिजिटल युग में करियर के अधिकतर अवसर विज्ञान, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हैं। ऐसे में STEM शिक्षा छात्रों को आने वाले समय के लिए तैयार करती है।
जॉब मार्केट की डिमांड: उद्योगों को ऐसे युवा चाहिए जो टेक्निकल रूप से अच्छे हों और इनोवेशन कर सकें। STEM मॉडल छात्रों को इनोवेटिव सोच और रिसर्च स्किल्स प्रदान करता है।

अंतरराष्ट्रीय कॉम्पिटिशन: विकसित देशों की शिक्षा प्रणाली में STEM शिक्षा पहले से ही मौजूद है। CBSE भी इसी तर्ज पर अपने छात्रों को ग्लोबल स्टैंडर्ड की शिक्षा देना चाहता है।

NEP 2020 Key Points

S.No.Key ElementDescription
1Early Childhood Care and EducationFocus on early years learning and care
2Foundational Literacy and Numeracy (FLN)Basic reading, writing, and math skills
3Curriculum and Pedagogy in SchoolModernizing school curriculum and teaching

STEM शिक्षा की प्रमुख विशेषताएं


विषयों का आपस में समन्वय
रियल-लाइफ प्रॉब्लम्स पर आधारित लर्निंग

लैब और फील्डवर्क का अधिक उपयोग

डिजिटल टूल्स और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल

इनोवेशन और रिसर्च पर जोर

चुनौतियां और समाधान


हालांकि STEM शिक्षा का दृष्टिकोण आधुनिक और उपयोगी है, लेकिन इसे भारत जैसे विशाल देश में लागू करना आसान नहीं है। इसके लिए जरूरी है:
शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग

आधुनिक प्रयोगशालाएं और टेक्निकल संसाधन

स्कूली कोर्स का पुनर्गठन

छात्रों और अभिभावकों को इसके महत्व की जानकारी

CBSE इन सभी पहलुओं पर काम कर रहा है ताकि STEM शिक्षा को सभी स्कूलों में समान रूप से लागू किया जा सके। CBSE नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत कई बदलाव और अपडेट स्कूलों के स्तर पर कर रही है। जिसे समय-समय पर अपडेट किया जा रहा है।

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