Punjab 95 Movie Update: दिलजीत दोसांझ की चर्चित फिल्म ‘पंजाब 95’ बीते कई सालों से विवादों में घिरी हुई है। यह फिल्म मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा की जिंदगी पर आधारित है। लेकिन फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड (CBFC) की आपत्तियों ने इसके निर्माताओं की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।
हाल ही में फिल्म के निर्देशक हनी त्रेहान ने खुलकर सेंसर बोर्ड के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि लगातार कट्स लगाने के चलते ‘पंजाब 95’ की रिलीज़ आज भी लटकी हुई है।
त्रेहान ने बताया कि सबसे पहले सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 85 कट्स लगाने को कहा, जिसे बढ़ाकर बाद में 120 कर दिया गया। जब उन्होंने इन कट्स के बाद फिल्म सब्मिट की, तो CBFC ने फिर से 7 नए बदलाव सुझाए। ऐसे में शुरुआत में मैंने मन मारकर 21 कट्स लगाए, ताकि फिल्म अटके नहीं। लेकिन इसके बाद तो जैसे हर चीज़ ही बदल देने की कोशिश की गई।
निर्देशक ने सेंसर बोर्ड की मांगों का खुलासा करते हुए बताया कि बोर्ड चाहता था:
त्रेहान ने सवाल उठाया, “अगर हम ये सब हटा दें, तो फिल्म में आखिर बचेगा क्या?”
इस मामले की सुनवाई 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रही थी, लेकिन एक समय के बाद प्रोड्यूसर्स को केस वापस लेने को कहा गया। तब से लेकर अब तक फिल्म लगातार अटकी हुई है। हनी त्रेहान कहते हैं कि उन्हें कभी यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया कि इन कट्स की ज़रूरत क्यों है। अगर अदालत से आदेश होता, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती।
त्रेहान ने बताया कि फिल्म में आ रही रुकावटों से वह इतने निराश हो गए थे कि एक समय पर वह फिल्म से अपना नाम हटाने का भी सोच चुके थे। लेकिन दिलजीत दोसांझ उनके साथ मजबूती से खड़े रहे। “उन्हें मेरे विज़न पर भरोसा था। मैं सोचता हूं कि अगर मैं खालड़ा जैसे व्यक्ति के साथ नहीं खड़ा हो सकता, तो फिर मैं उस पर फिल्म बनाने के लायक नहीं हूं,”
साल 2024 की शुरुआत में उम्मीद जताई गई थी कि ‘पंजाब 95’ को भारत के बाहर रिलीज़ किया जाएगा। लेकिन अब स्थिति यह है कि सेंसर बोर्ड ने 127 कट्स की मांग कर दी है। इस साल फरवरी में दिलजीत दोसांझ ने अपने एक्स (X) अकाउंट पर फिल्म की रिलीज को लेकर संकेत दिए थे, लेकिन आज तक कोई निश्चित रिलीज डेट सामने नहीं आई।
‘पंजाब 95’ एक सच्ची कहानी पर आधारित महत्वपूर्ण फिल्म है, लेकिन सेंसर बोर्ड की दखलअंदाजी ने इसके भविष्य को गहरा संकट में डाल दिया है। हनी त्रेहान और उनकी टीम ने सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बार-बार बदलाव किए, लेकिन अब तक फिल्म को हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिनेमा की अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा मंडरा रहा है?
Published on:
04 Jun 2025 05:28 pm