विदिशा जिले के संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी शशि मिश्रा के अनुसार इस समय जिले में 2190 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 467 अतिथि शिक्षक ही ऐप पर उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। इस प्रकार हमारे शिक्षक ऐप पर मात्र 21 प्रतिशत अतिथि शिक्षकों ने उपस्थित दर्ज कराई है।
अधिकारियों के अनुसार बाकी के अतिथि शिक्षक स्कूलों में उपस्थित तो हो रहे हैं, लेकिन ई-अटेंडेंस की व्यवस्था के तहत ऐप पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं। कई बार के निर्देश के बावजूद अतिथि शिक्षकों ने ऐप पर उपस्थिति दर्ज करना शुरू नहीं किया है। इसके पीछे अतिथि शिक्षक कई तरह के तर्क दे रहे हैं।
अतिथि शिक्षक इस व्यवस्था को बंद करने की मांग कर रहे हैं। संयुक्त कलेक्टर ने लोक शिक्षण संचालक केके द्विवेदी के आदेश के हवाला देते हुए जिले के सभी संकुल प्राचार्यों को निर्देश जारी किए हैं कि 18 जुलाई से अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन ही स्वीकार की जाए। उपस्थिति दर्ज नहीं करने की स्थिति में उन्हें अनुपस्थित माना जाए। मानदेय का भुगतान नहीं किया जाए।
पांच दिन की दी चेतावनी:
इधर आजाद अतिथि शिक्षक संघ ने सीएम के नाम डिप्टी कलेक्टर निकिता तिवारी को ज्ञापन दिया। इसमें अतिथि शिक्षकों पर लागू की गई ई-अटेंडेंस का विरोध करके समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि पांच दिन के अंदर ई-अटेंडेंस संबंधी आदेश वापस नहीं लिया गया, तो अतिथि शिक्षक भोपाल की सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
ये है प्रमुख समस्या व मांग
90 प्रतिशत से अधिक अतिथि शिक्षकों के पास एंड्रॉइड मोबाइल नहीं है। पहले शासन स्तर पर एंड्रॉइड मोबाइल खरीदने न्यूनतम 20 हजार रुपए दिए जाएं। 80 प्रतिशत से अधिक अतिथि शिक्षकों की आर्थिक स्थिति दयनीय है, जो मोबाइल रिचार्ज कराने में असमर्थ हैं। प्रतिमाह रिचार्ज के लिए न्यूनतम 500 रुपए दिए जाएं। अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह निर्धारित तारीख में मानदेय दिया जाए। अतिथि शिक्षकों को मेडिकल/प्रसव/मातृत्व/पितृत्व/ आकस्मिक सभी प्रकार के अवकाशों की सुविधा दी जाए। जो अनुभवी अतिथि शिक्षक किसी भी कारण से बाहर हैं, उनकी अलग से विद्यालय चयन प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए।