बता दें, लिखित सवाल पूछने के लिए विधायकों(MP Monsoon Session) को 11 जुलाई तक का मौका था। यह तिथि बीत जाने के बाद विधायकों के अब किसी भी प्रकार के सवाल विधानसभा सचिवालय नहीं ले रहा है। सचिवालय तक जो सवाल आ चुके हैं, वे सभी सवाल राज्य सरकार को भेज दिए गए हैं, जिससे समय रहते सवालों के जवाब सरकारी महकमे विधानसभा सचिवालय को भेज सकें। विपक्षी दल कांग्रेस विधायकों ने तीखे सवाल किए हैं। प्रयास यही है कि सदन में सरकार की घेराबंदी की जा सके। इनमें भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, घोटाला, बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था, अवैध उत्खनन, कृषि, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सवाल हैं।
पहले दिन रोजगार-कृषि, पंचायत पर सवाल
सत्र के पहले दिन यानी 28 जुलाई को रोजगार, कृषि, पंचायत, श्रम, खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता, उच्च शिक्षा, आयुष, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास इत्यादि से जुड़े सवाल होंगे। विधानसभा सचिवालय इसकी सूचना संबंधित विभागों को भेज चुका है। मंत्रियों को भी इसी आधार पर सदन में जवाब देने की तैयारी करना होगी।
विपक्ष ने कसी कमर, सत्ता पक्ष भी तैयारी से
विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में सरकार को घेरने की तैयारी की है। सवालों से सरकार को आइना दिखाने का प्रयास होगा। रोजगार का वादा पूरा न होने पर सवाल पूछे जाएंगे वहीं किसानों के साथ की गई वादा खिलाफी पर भी घेराबंदी होगी। घर-घर नल से जल पहुचाने में हुए घोटाले की गूंज भी होने की संभावना है। पिछले सत्रों में भी जल जीवन मिशन में घोटाला को लेकर कांग्रेस ने घेराबंदी की थी। इस बार भी तैयारी है। वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा और सरकार के मंत्रियों ने भी तैयारी कर रखी है। विपक्षी सदस्यों का जवाब उन्हीं की शैली में दिया जाएगा।
22 से ली जाएंगी स्थगन, ध्यानाकर्षण सूचनाएं
विधायक यदि किसी मामले का ध्यानाकर्षण या शून्यकाल के जरिए सदन में उठाना चाहते हैं तो इसके लिए अभी मौका है। स्थगन, ध्यानाकर्षण एवं शून्यकाल की सूचनाएं 22 जुलाई से विधानसभा सचिवालय लेना शुरू करेगा। विधायकों को इसकी सूचना भेज दी गई है। सचिवालय ने कहा कि ये सूचनाएं ई-मेल के माध्यम से भी सचिवालय में भेजी जा सकती हैं। विधायक चाहें तो विधानसभा सचिवालय ने आकर भी ये सूचनाएं कार्यालय समय में दे सकते हैं।
इसी सत्र में पेश होगा सप्लीमेंट्री बजट
मानसून सत्र(MP Monsoon Session) में करीब एक दर्जन विधेयक भी सरकार सदन में पेश करेगी। अभी तक सिर्फ एक विधेयक विधानसभा तक पहुंचा है। अन्य की मौखिक सूचना सचिवालय को विभागों ने दे दी है। वहीं सप्लीमेंट्री बजट भी पेश किया जाएगा। इस सप्लीमेंट्री बजट में विभिन्न विभागों के खर्चों के लिए रकम का प्रावधान किया जा रहा है। वित्त विभाग सप्लीमेंट्री बजट की कवायद कर रहा है। विभागों से प्रस्ताव मंगाए जा चुके हैं। विभागों से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सप्लीमेंट्री बजट में कोई नया खर्च शामिल नहीं होगा। इस बार ये खास
- 3377: सवाल विधायकों ने लिखित पूछे
- 2076: सवाल ऑनलाइन माध्यम से पहुंचे
- 1301: सवाल ऑफलाइन माध्यम से भेजे गए
- 12 दिन: सत्र अवधि
- 10 दिन: सत्र की प्रस्तावित बैठकें