चंदा इकट्ठा कर लोग खुद बनवा रहे राम मंदिर
खंडवा, रीवा, सिंगरौली, सतना, छतरपुर, खरगोन और विदिशा जैसे जिलों में लोगों ने चंदा इकट्ठा कर खुद के बलबूते राम मंदिर खड़े कर दिए हैं। स्थानीय युवा राम राज्य की कल्पना में खुद को ‘हनुमान सेना’ का हिस्सा बताने लगे हैं।खरगोन में एकर करोड़ रुपए की लगत से बनाया हूबहू राम मंदिर
जिले के महेश्वर में एक करोड़ रुपए की लागत से अयोध्या में बनाए गए राम मंदिर की तर्ज पर हूबहू राम मंदिर बनाया गया। ग्रामीणों ने इसका भूमिपूजन भी किया। इस राम मंदिर का भूमिपूजन भी ठीक तभी किया गया था, जब पीएम मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या राम मंदिर का भूमि पूजन किया था।
विदिशा में भी है राम मंदिर
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी थी तब मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में भी राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी था। हैरानी की बात ये थी कि इस मंदिर का निर्माण कार्य चलते-चलते उस समय तक 12 साल हो चुके थे। लेकिन अब ये मंदिर लगभग बनकर तैयार है। ग्रामीणों ने 20 लाख रुपए चंदा जमा कर इस मंदिर का निर्माण करवाया है। इस मंदिर में जयपुर से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर की अब तक की लागत 2 कोड़ से ज्यादा हो चुकी है।

पुराने राम मंदिरों का पुनर्रनिर्माण भी रहता है चर्चा में
इसके अलावा मध्य प्रदेश में ऐसे कई राम मंदिर हैं, जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं, और उनका पुनर्निर्माण किया जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण बना इंदौर के धतूरिया गांव का राम मंदिर। 100 साल पुराने इस मंदिर के पुनर्निर्माण की मुहिम खुद मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू की। ग्रामीणों ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण को सियासत से पूरी तरह दूर रथा। यहां तक कि मंत्रालय विभाग के प्रमुख सचिव की टेबल पर 10 लाख रुपए नकद तक रख दिए थे। मकराना के बेहतरीन संगमरमर से इसका पुनर्निर्माण कराया जाना है।