अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम तबरेज अहमद की अदालत ने सेना के पूर्व हवलदार सतेंद्र पाल सिंह उर्फ पिंटू राणा, उसके भाई रविंद्र पाल सिंह उर्फ रिंकू राणा और साले मंजीत सिंह उर्फ मोनू को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों दोषियों पर कुल 6.90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
क्या था पूरा मामला
घटना 24 मार्च 2016 को बरेली के थाना प्रेमनगर क्षेत्र स्थित शास्त्रीनगर में उस समय हुई जब योगेंद्र गंगवार के घर पर होली का उत्सव चल रहा था। योगेंद्र, तत्कालीन मंत्री भगवत सरन गंगवार के छोटे भाई हैं। उसी दिन योगेंद्र के घर पर उनकी भतीजी अपने पति राजपाल गंगवार के साथ आई हुई थीं। पड़ोसी फौजी सतेंद्र पाल सिंह उर्फ पिंटू राणा के घर आए मेहमानों ने गली में वाहन खड़ा कर रास्ता अवरुद्ध कर दिया था। जब योगेंद्र गंगवार ने वाहन हटाने को कहा तो विवाद बढ़ गया। कुछ ही देर बाद दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सतेंद्र पाल सिंह अपने भाई रिंकू राणा और साले मोनू के साथ हथियारों से लैस होकर योगेंद्र के घर में घुस आया। सतेंद्र ने लाइसेंसी बंदूक से राजपाल गंगवार के पेट में गोली मार दी, जबकि रिंकू और मोनू ने तमंचों से योगेंद्र के बेटे अभिनय को हाथ में और भाई तेजपाल को सिर पर बट मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। राजपाल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मिला इंसाफ
इस मामले में थाना प्रेमनगर में तत्कालीन निरीक्षक (अब सीओ) देवेश सिंह ने विवेचना की। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी क्राइम राजेश्वरी गंगवार ने प्रभावी पैरवी की। इस केस में 13 गवाह पेश किए गए जिनमें प्रमुख रूप से योगेंद्र गंगवार, तेजपाल गंगवार, अभिनव गंगवार समेत परिवार के सदस्य और अन्य चश्मदीद शामिल रहे। एसपी साउथ अंशिका वर्मा के नेतृत्व में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत इस केस की मॉनिटरिंग की गई। कोर्ट में पैरवी के दौरान मोहर्रिर हेड कांस्टेबल देवराज सिंह, कोर्ट पैरोकार रश्मि और मॉनिटरिंग सेल के कांस्टेबल शिव कुमार की भी अहम भूमिका रही।
परिवार को मिला न्याय, पर जख्म आज भी हरे
पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार ने अदालत के इस फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि यह सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल है कि न्याय जरूर मिलता है, भले ही देर हो। उन्होंने बताया कि उनके भतीजी के दो छोटे बच्चे हैं, जिनकी परवरिश और मानसिक संतुलन बनाए रखने में पूरे परिवार को एकजुट होना पड़ा। उन्होंने कहा कि घटना के बाद परिवार पूरी तरह टूट गया था और आज भी उस दिन की चीखें कानों में गूंजती हैं।
मुख्य बिंदु:
घटना तिथि: 24 मार्च 2016 (होली का दिन) मृतक: राजपाल गंगवार (पूर्व मंत्री के भतीजी के पति) दोषी: सतेंद्र पाल सिंह (पूर्व फौजी), रिंकू राणा (भाई), मोनू (साला) सजा: सश्रम आजीवन कारावास जुर्माना: ₹6.90 लाख जज: अपर जिला जज सप्तम तबरेज अहमद पैरवी: एडीजीसी क्राइम राजेश्वरी गंगवार विवेचक: तत्कालीन थानाध्यक्ष देवेश सिंह (वर्तमान सीओ)