गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने 24 अप्रेल को आदेश जारी कर गांवों में रात्रि विश्राम के निर्देश दिए थे। जिसमें एक अधिकारी को प्रत्येक माह में चार रात्रि विश्राम किया जाना तय किया था। शाम 6 से सुबह 6 बजे तक पंचायत शिक्षा अधिकारी रात्रि विश्राम कर विद्यालय स्टाफ, शिक्षण व्यवस्था के संबंध में चर्चा, भवन-पानी की व्यवस्था, बच्चों के शिक्षा स्तर की जांच के साथ गांव के लोगों एवं विद्यार्थियों से विद्यालय एवं अध्यापकों के बारे में भी फीडबैक लेकर नामाकंन वृद्धि करने को लेकर प्रेरित किया जाना था, लेकिन धरातल पर देखा जाए तो रात्रि विश्राम की प्रगति रिपोर्ट न के बराबर है। इसके लिए विभाग ने राज शाला ऐप जारी किया है। जिस पर निरीक्षण रिपोर्ट भी अपडेट करनी होगी। रात्रि विश्राम के आदेश हुए करीब ढाई माह से अधिक समय हो गया, लेकिन अभी तक पंचायत शिक्षा अधिकारी एवं उच्च अधिकारियों की ओर से इन आदेशों पर कोई कार्रवाई प्रारम्भ नहीं की है।जारी कर चुके दो बार स्मरण-पत्ररात्रि विश्राम के आदेशों पर अमल न करने को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग निदेशक की ओर से दो बार स्मरण पत्र भी जारी कर चुके है, जिसमें जिक्र किया गया है कि रात्रि विश्राम के बारे में कई बार निर्देशित किया जा चुका, लेकिन पोर्टल पर क्रियान्विति का अंकन प्रतिशत न्यून है। इससे यह प्रतीत होता है कि अधिकारियों की ओर से रात्रि विश्राम नहीं किए गए या फिर पोर्टल पर अंकन नहीं किया गया।
नवाचारों की धरातल पर नहीं क्रियान्विति जिले में हजारों की संख्या में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक सहित अन्य स्कूल संचालित हैं। ऐसे में शिक्षा विभागीय अधिकारी योजनाओं का प्रभावी संचालन एवं मॉनिटरिंग कर नवाचारों की धरातल पर क्रियान्विति करें तो काफी हद तक सरकारी विद्यालयों में नामांकन वृद्धि में सुधार हो सकता है। सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ऩे की बजाय घटता जा रहा है।
कार्रवाई अमल में लाई जाएगी रात्रि विश्राम के आदेशों की पालना के लिए सभी पीईईओ एवं अधिकारियों को विभाग की ओर से निर्देशित किया जा चुका है। रात्रि विश्राम की रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। इस कार्य में शिथिलता बरतने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
महेश गुप्ता, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर।